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भारत मे सौर ऊर्जा

भूमिका

सौर ऊर्जा ओ ऊर्जा छै जे सीधा सूर्य सं प्राप्त कैल जायत छै. सौर ऊर्जा सं ही मौसम एवं जलवायु कें परिवर्तन करय छै. इ धरती पयर कईक प्रकार कें जीवन (पेड़-पौधाक आ जीव जंतु) कें सहारा छै.

ऐना तं सौर ऊर्जा कें कतेकों प्रकार सं प्रयोग कैल जायत छै. किन्तु सूूर्य कें ऊर्जा कें बिजली ऊर्जा मे बदलय कें सें हो मुख्य रूप सं सौर ऊर्जा कें रूप मे जानल जायत छै. सूर्य कें ऊर्जा कें दू प्रकार सं बिजली ऊर्जा मे बदलय जा सकय छै. पहिल प्रकाश-बिजली सेल कें सहायता सं आ दोसर कोनों तरल पदार्थ कें सूर्य कें उष्मा सं गर्म करय कें बाद अइ सं बिजली जनित्र चला कं.

भारत मे सौर ऊर्जा

भारत मे सौर ऊर्जा कें लेल कइक कार्यक्रमक कें संचालन भारत सरकार कें नवीन आ नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रलय दूवारा कैल जायत छै. हैंडबुक ऑन सोलर रेडिएशन ओवर इंडिया कें अनुसार भारत कें अधिकांश भाग मे एक साल मे 250-300 धूप निकलय वाला दिनक सहित प्रतिदिन प्रति वर्गमीटर 4-7 किलोवाट घंटाक कों सौर विकिरण प्राप्त होय छै. राजस्थान आ गुजरात मे प्राप्त सौर विकिरण उड़ीसा मे प्राप्त विकिरण कें अपेक्षा बेसि छै. देश मे 30-35 मेगावाट/ प्रति वर्ग किलोमीटर छाया रहित खुला क्षेत्र हुअ कें बावजूद उपलब्ध क्षमता कें तुलना मे देश मे सौर ऊर्जा कें दोहन काफी कम छै (जे 31-5-2014 कें स्थिति कें अनुसार 267 मेगावाट छै.)

सौर ऊर्जा कें प्रयोग

सौर पैनेल दूवारा चालित कम्प्यूटर

सौर ऊर्जा जे रोशनी एवं उष्मा दूनू टा रूप मे प्राप्त होय छै कें उपयोग कइक प्रकार सं होय सकय छै. सौर उष्मा कें उपयोग अनाज कें सुखावय , जल उष्मन,खाना पकावा, प्रशीतलन , जल परिष्करण तथा बिजली ऊर्जा उत्पादन कें लेल कैल जा सकय छै. फोटो वोल्टायिक प्रणाली दूवारा सौर प्रकाश कें बिजली में रूपांतरित करय कं रोशनी प्राप्त कैल जा सकय छै. प्रशीतलन कें काज कैल जा सकय छै. दूरभाष , टेलीविजन , रेडियो आदि चलैल जा सकय छै. तथा पंखाक व जल पंप आदि भी चलैल जा सकय छै.

जल कें ऊष्मन

सौर ऊर्जा सं गरम जल कें प्राप्ति होय छै. सौर उष्मा पर आधारित प्रौद्ययोगिकी कें उपयोग घरेलू व्यापारिक व औद्ययोगिक इस्तेमाल कें लेल पाइन कें गरम करय कें लेल कैल जायत सकय छै. देश मे पिछलक दू दशक सं सौर जल उष्मक बनैल जा रैल अछि. लगभग 4,50,000 वर्गमीटर सं बेसि क्षेत्रफल कें सौर जल उष्माक संग्राहक संस्थापित कैल जा चूकल छै. जे रोजाना 220 लाख लीटर पाइन कें 60-70 डिग्री सेंटीग्रेड तसक गरम करय अछि. भारत सरकार कें अपारम्परिक ऊर्जा स्नेतक मंत्रलय इ ऊर्जा में उपयोग कें प्रोत्साहन ,जन-प्रचार आदि कार्यक्रम चला रहल छै.

जखन हम आ उष्मक सं पाइन गरम करय अछि तं अइ सं उच्च आवशयकता वाला समय मे बिजली कें बचत होयत छै. 100 लीटर क्षमता कें 1000 घरेलू सौर जल उष्मक सं एक मेगावाट बिजली कें बचत होय छै. साथ ही 100 लीटर कें क्षमता कें एक सौर उष्मक सं कार्बन डाइऑक्साइड कें उत्सर्जन मे प्रति वर्ष 1.5 टन कें कमी हेतय. इ संयंत्रक कें जीवन -काल लगभग 15-20 साल कें छै.

सौर -पाचक (सोलर कुकर )

सौर उष्मा दूवारा खाना पकावा सं विभिन्न प्रकार कें परंपरागत कें ईंधनक की बचत होयत छै. बाक्स पाचक , वाष्प-पाचक व उष्मा भंडारक प्रकार कें एवं भोजन पाचक ,सामुदायिक पाचक आदि कें सौर-पाचक विकसित कैल जा चुकल अछि. ऐना सें हों बाक्स पाचक विकसित कैल गेल अछि जे बरसात या धूंध कें समय मे बिजली सं खाना पकांवा कें लेल प्रयोग कैल जा सकय अछि. अबतक लगभग 4,60,000 सौर -पाचक बिक्री कैल जा चूकल छै.

सौर हवा उष्मन

सूरज की गर्मी कें प्रयोग दूवारा कटाई कें पश्चात कृषि उत्पादक व अन्य पदार्थ कें सुखावें कें लेल उपकरण विकसित कैल गेल अछि. अइ पद्धतिक कें प्रयोग कें दूवारा खुला मे अनाजक व अन्य उत्पादकक कें सुखावा कें समय हुअ वाला नुकसान कम कैल जा सकय अछि. चाय, पत्तिक, लकड़ी, मसाले आदि कें सुखावें मे हिन कर व्यापक प्रयोग कैल जा रहल छै.

सौर स्थापत्य

कोनों आवासीय व व्यापारिक भवन कें लेल स आवयक छै की ओइ में निवास करय वाला व्यक्तिक कें लेल ओ सुखकर होय. सौर स्थापत्य वस्तुत: जलवायु कें संग सामन्जस्य राकय वाला स्थापत्य छै. भवन कें अंतर्गत बहुत सं अभिनव विशिष्टताआक कें समाहित करय जाड़ा व गर्मी दूनू ऋतुअक मे जलवायु कें प्रभाव कें कम कैल जा सकय छै. अस कें चलते परंपरागत ऊर्जा (बिजली व ईंधन) कें बचत कैल जा सकय छै.

आदित्य सौर कार्यशालाक

भारत सरकार कें अपारम्परिक ऊर्जा स्नेत मंत्रलय कें सहयोग सं देश कें कईक भागक मे आदित्य सौर कार्यशालाक स्थापित कैल जा रहल अछि. नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणक कें ब्रिकी, रखरखाव ,मरम्मत एवं तत्संबंधी सूचना कें प्रचार-प्रसार एकर मुख्य हेतय. सरकार अइ कें लेल एकमुश्त धन आ दू साल तइक किछू आवर्ती राशि उपलब्ध करवय छै. इ अपेक्षा राखल गेल छै की इ कार्यशालाक ग्राहक सुहद रूप सं कार्य करतय एवं अपन लेल धन स्वयं जुटैतेय.

सौर फोटो वोल्टायिक

सौर फोटो वोल्टायिक तरीका सं ऊर्जा प्राप्त करय कें लेल सूर्य कें रोशनी कें सेमी कंडक्टर कें बनल सोलर सेल पयर डालय क बिजली पैदा कैल जायत छै. इ प्रणाली मे सूर्य कें रोशानी सं सीधा बिजली प्राप्त करय कइक प्रकार कें कार्य सम्पादित कैल जा सकय अछि.

फोटो वोल्टायिक प्रणाली माडयूलर प्रकार कें होय छै. अइ मे कोनों प्रकार कें जीवाष्म ऊर्जा कें खात नहि होय छै तथा एकर रखरखाव व परिचालन सुगम छै. साथ ही इ पर्यावरण सुहृद अछि. दूरस्थ स्थानाक , रेगिस्थानी इलाकक , पहाड़ी क्षेत्रक,दूवीपक ,जंगली इलाकक आदि जत कें प्रचलित ग्रिड प्रणाली दूवारा बिजली आसानी सं नहि पहुंच सकय छै कें लेल इ प्रणाली आदर्श छै. अतएव फोटो वोल्टायिक प्रणाली दूरस्थ दुर्गम स्थानाक कें दशा सुधारय मे अत्यंत उपयोगी छै.

सौर लालटेन

सौर लालटेन एकटा हल्का ढोया जाय सकय वाला फोटो वोल्टायिक तंत्र छै. अइ कें अंतगर्त लालटेन रख रखाव रहित बैटरी इलेक्ट्रॉनिक नियंत्रक प्रणाली व 7 वाट कें छोटका फ्लुओरेसेन्ट लैम्प युक्त माडयूल तथा एकटा 10 वाट कें फोटो वोल्टायिक माडयूल आवा छै. इ घर कें अंदर व घर कें बाहर प्रतिदिन 3 सं चार घंटाक तइक प्रकाश द सकय मे सक्षम छै. किरासिन आधारित लालटेन ,ढिबरी, पेट्रोमैक्स आदि कें इ एकटा विकल्प छै. एकरा तरह नहि तं अइ मे धुआं निकलय छै नहि आइग लगय कें खतरा छै आ नहि स्वास्थ्य कें. एखन तइक लगभग 2,50,000 कें ऊपर सौर लालटेन देश कें ग्रामीण इलाकक मे कार्यरत अछि.

सौर पाइन पंप

फोटो वोल्टायिक प्रणाली दूवारा पीने व सिंचाई कें लेल कुआंक आदि सं जल कें पंप कैल जैनाय भारत कें लेल एकटा अत्यंत उपयोगी प्रणाली छै. सामान्य जल पंप प्रणाली मे 900 वाट कें फोटो वाल्टायिक माडयूल एकटा मोटरयुक्त पंप एवं अन्य आवश्यक उपरकरण होय छै. एखन तइक 4,500 सं ऊपर सौर जल पंप संस्थापित कैल जैल चकय छै.

ग्रामीण बिजलीकरण (एकल बिजली घर)

फोटोवोल्टायिक सेलक पर आधारित इ बिजली घरक सं ग्रिड स्तर कें बिजली ग्रामवासिक कें प्रदान कैल जा सकय छै. इ बिजली घरक मे अनेकक सौर सेलक कें समूह ,स्टोरेज बैटरी एवं अन्य आवश्यक नियंत्रक उपकरण होय छै. बिजली कें घरक मे वितरित करय कें लेल स्थानीय सौर ग्रिड कें आवयकता होय छै. इ संयंत्रक सं ग्रिड स्तर कें बिजली व्यक्तिगत आवासक सामुदायिक भवनक व व्यापारिक केंद्रक कें प्रदान कैल जा सकय छै. एकर क्षमता 1.25 किलोवाट तइक होय छै. एखन तइक एक मेगावाट कें कुल क्षमता कें ऐहन संयंत्र देश कें कइक हिस्साक मे लगैल जा सकय छै. अइ मे उत्तर प्रदेश , देश कें उत्तर पूर्वी क्षेत्र ,लक्षदूीप बंगाल कें सागर दूवीप व अन्डमान निकोबार दूवीप समूह प्रमुख छै.

सार्वजनिक सौर प्रकाश प्रणाली

ग्रामीण इलाकक मे सार्वजनिक स्थानक एवं गलियां, सड़कक आदि पर प्रकाश करय कें लेल इ उत्तम प्रकाश स्नेत छै. अस मे 74 वाट कें एकटा वोल्टायिक माडयूल एकटा 75 एम्पीयर घंटा कें कम रख-रखाव वाला बैटरी तथा 11 वाट कें एकटा फ्लुओरेसेन्ट लैम्प होय छै. सांझ होयत हीं इ अपने आप जल जायत छै. आ भोर कें समय बुइझ जायत छै. देश कें कइक भाग मे एखन तइक 40,000 सं बेसि इकाइयां लगायल जा चुकल छै.

घरेलू सौर प्रणाली सौर प्रणाली कें अंतर्गत 2 सं चार बल्ब (या मरकरी लाइट) जलैल जा सकय अछि. साथ ही अइ स छोट डीसी पंखा आ एकटा छोटका टेलीविजन 2 सं 3 घंटा तइक चलैल जा सकय अछि. अइ प्रणाली मे 37 वाट कें फोटो वोल्टायिक पैनेल व 40 एम्पीयर घंटा कें कम रख-रखाव वाला बैटरी होय छै. ग्रामीण उपयोग कें लेल अइ प्रकार कें बिजली कें स्नेत ग्रिड स्तर कें बिजली कें मुकाबले काफी बढिया छै. एखन तइक पहाडी ,जंगली व रेगिस्तानी इलालक कें लगभग 1,00,000 घरक मे इ प्रणाली लगैल जा चुकल छै.

स्रोत: स्थानीय समाचार, पत्र सूचना कार्यालय

अंतिम बेर संशोधित : 6/14/2020



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